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नई दिल्ली.
क्या आपको पता है कि रेलवे के किस कोच में एक यात्री कितना किलो सामान लेकर जा सकता है? क्या रेलवे ने एक यात्री के लिए सामान की जो सीमा तय की है उससे ज़्यादा ले जाने पर जुर्माना भरना होगा?
सबसे पहले तो ये जान लें कि यह कोई नया नियम नहीं है. फ़िलहाल इसकी चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि भारतीय रेलवे इस नियम को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है.
रेल बोर्ड के सूचना एवं प्रचार निदेशक वेद प्रकाश कहते हैं, “यह कोई नया नियम नहीं है. यह सालों पहले का नियम है. जब से ट्रेन में टिकट दिए जा रहे हैं तब से यह नियम है, लेकिन 29 अगस्त 2006 में इसमें कुछ संशोधन किए गए थे.”
ट्रेन के किस कोच में कितने वज़न का सामान?
निदेशक वेद प्रकाश कहते हैं कि रेलवे ने हर क्लास के लिए वज़न की सीमा तय कर रखी है.
- फ़र्स्ट एसी में 70 किलोग्राम
- सेकेंड एसी में 50 किलोग्राम
- थर्ड एसी और चेयरकार में 40 किलोग्राम
- स्लीपर में 40 और जनरल में 35 किलोग्राम जबकि वेंडर्स के लिए 65 किलोग्राम
रेलवे का कहना है कि यह नियम भले पुराना है, लेकिन अब इसे सख़्ती से लागू करने पर ज़ोर दिया जाएगा. रेलवे ने अभी ये साफ़ नहीं किया है कि जुर्माने की रक़म क्या होगी.
इसके साथ ही यह भी साफ़ नहीं है कि रेलवे कैसे तय करेगा किसी यात्री के पास तय वज़न से ज़्यादा सामान है.
वेद प्रकाश मानते हैं ये बहुत ही वाजिब वज़न सीमा है. प्रति व्यक्ति वज़न के लिहाज़ से देखा जाए तो अगर एक परिवार में चार लोग हैं तो स्लीपर में सफर करने वाला यह परिवार 150 किलो से अधिक वज़न का सामान लेकर यात्रा कर सकता है.
कोई इससे अधिक सामान लेकर चल रहा है तो दूसरे पैसेंजर को तक़लीफ़ हो सकती है. रेलवे के अनुसार सामान का वज़न, ट्रेन और तय की जाने वाली दूरी पर निर्भर करेगा.
ज़्यादा पैसे देकर यात्री स्लीपर क्लास में भी अधिकतम 80 किलोग्राम सामान ले जा सकते हैं. सेकंड क्लास वाले भी ऐसा करके 70 किलोग्राम कोच में ले जा सकते हैं. साभार बीबीसी हिन्दी
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