जीवन में कितनी उदासियां क्यों न आयें, हमेशा मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए



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जया किशोरीजी
  • कई बार जीवन-संग्राम में संघर्ष करते-करते बहुत-से व्यक्ति थक-हारकर बैठ जाते हैं, उन्हें स्वयं तथा ईश्वर पर भरोसा नहीं रहता, सारा संसार सारहीन नजर आता है।
  • ऐसी अवस्था में कई व्यक्ति तो आत्महत्या तक का रास्ता चुन लेते हैं जो कदापि उचित नहीं।
  • सर्वप्रथम तो कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर अपने आप तथा ईश्वर पर विश्वास रखें, सकारात्मक रूप से समस्या के विषय में विचार करें कि इसका क्या हल हो सकता है।
  • बड़ी प्रसिद्ध कहावत है कि ‘ईश्वर उनकी सहायता करता है जो स्वयं अपनी सहायता करते हैं,’ अतः लक्ष्य-प्राप्ति के मार्ग में आयी असफलताओं से भयभीत होकर प्रयास करना न छोड़ें।
  • ध्यान रखिए कि छोटे-छोटे कदम रखकर ही एक लंबी यात्रा की जा सकती है, धीरे-धीरे प्रयास करते हुए साधारण मानव भी विशाल पर्वतों के शिखर पर पहुंच जाते हैं।
  • हर रात के बाद सबेरा आता ही है और यह भी सत्य है कि रात जितनी काली और भयावह होगी, सुबह उतनी ही प्रकाशमान तथा सुहानी होगी।
  • गर्म हवाओं के चलने से ही जल वाष्प बनकर मेघ बनता है और फिर जीवनदायिनी वर्षा के रूप में बरसता है।-
  • जीवन में आये दुख, चिंता, तनाव तथा समस्या ही मनुष्य को निरंतर कर्मशील रखती है, अतः अपना दृष्टिकोण तथा चिंतन बदलकर समस्याओं को देखा जाए तो हर संकट सफलता की ओर ले जाने वाला बन जायेगा।
  • वस्तुतः ‘विपत्ति एक कसौटी है जिस पर कसकर मनुष्य का व्यक्तित्व और चरित्र जांचा-परखा जाता है।’
  • जीवन में चाहे कितनी उदासियां क्यों न आयें, मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए, अपने धैर्य को, अपनी शक्ति को, अपने विश्वास को और ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को कभी भी मत टूटने दीजिए।
  • किसी भी प्रकार की परिस्थिति क्यों न आये, आप अपने-आप में संतुलन बनाये रखिए।

जया किशोरी जी

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