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नई दिल्ली.
स्मार्टफोन, लैपटॉप, कार और कई डिवाइस में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-ऑयन बैटरी अब भारत में ही बनाई जाएगी। इसके लिए भारत सरकार, इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन और मुनोथ इंडस्ट्रीज आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर में पहला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही है।
1700 लोगों को मिलेगा रोजगार:
बुधवार को मुनोथ इंडस्ट्रीज ने लिथियम-ऑयन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय मोबाइल इंडस्ट्रीज के लिए यह प्लांट संजीवनी का काम करेगा। इस प्लांट को 799 करोड़ रुपये में तीन फेज में सेट-अप किया जाएगा। इस प्लांट के शुरू होने के बाद करीब 1,700 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मोबाइल होंगे सस्ते:
जागरण से बात करते हुए भारतीय सेल्युलर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि इस प्लांट के शुरू होने से मोबाइल फोन की कीमतों में कमी आ सकती है। भारत में फिलहाल जितनी भी कंपनियां मोबाइल असेंबल करती हैं, वह बाहर से बैटरी मंगाती हैं। इस वजह से उसपर लागत ज्यादा आती है। देश में लिथियम-ऑयन बैटरी के असेंबलिंग और पैकेजिंग यूनिट्स बड़ी तादाद में मौजूद हैं, लेकिन एक भी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है। यह प्लांट देश का पहला कोर-कॉम्पोनेंट प्लांट होगा।
मोहिन्द्रू ने आगे कहा कि इस प्लांट को भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत लगाया जा रहा है, भारत सरकार की इसमें 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। इस प्लांट के लग जाने से केवल मोबाइल इंडस्ट्रीज को ही फायदा नहीं मिलेगा, यह प्लांट हेल्थ सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए भी फायदेमंद होगा। साभार दैनिक जागरण
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