भोपाल.
ई-टेंडरिंग घोटाले के मामले में विशेषज्ञों की जो समिति गठित की गई थी उन्होंने जो इस व्यवस्था को पुख्ता बनाने के सुझाव दिए थे उनसे असहमति जताकर उन्हें हटाकर ही यह साबित कर दिया था कि इसके जरिए बड़े घोटाले की तैयारी की जा रही है। मध्यप्रदेश में हुई ई-टेंडरिंग घोटाले से मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को न केवल धक्का लगा है बल्कि इस पर से लोगों का विश्वास भी उठ गया है। यह बात आज नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहीं।
उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू करने के पहले ही नीति नियंताओं ने इसमें इतने सुराख रखे थे कि घोटाला करने में आसानी हो। विशेषज्ञों ने इस प्रक्रिया में ऐसे प्रावधान रखने के सुझाव दिए थे जिससे कि कोई भी व्यक्ति चाहने पर टेम्परिंग न कर सके लेकिन उनके सुझावों को दरकिनार कर जानबूझकर इस व्यवस्था में लू-पोल रखे गए थे। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे। एक ओर सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है दूसरी ओर इस तरह के घोटाले आईटी के माध्यम से हो रहे हैं इससे लोगों का पूरी प्रौद्योगिकी पर से विश्वास उठ गया है। व्यापम महाघोटाले मे भी आनलाईन घोटाले हुए थे। इतने बड़े घोटाले तो मैन्युअल व्यवस्था में भी नहीं हुए जितने ई प्रणाली में हो रहे हैं।साभार एमपीब्रेकिंग
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