किसान गोलीकांड की जाँच रिपोर्ट से शिवराज सरकार की किसान विरोधी मंशा उजागर.
रिपोर्ट से दोषियों को बचाने का खेल , पीड़ितों को न्याय मिलने का सपना धूमिल – कमलनाथ
भोपाल.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक प्रमुख अख़बार में मंदसौर गोलीकांड के लिये बनाये गये जे.के.जैन आयोग की छपी रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से आयोग का कार्यकाल बार- बार बढ़ाया गया.
कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी रिपोर्ट जारी करने में जानबूझकर देरी की गयी, उसी से यह आशंका बलवती हो गयी थी कि शिवराज सरकार के निर्देशन में रिपोर्ट में दोषियों को बचाने का खेल , खेला जा रहा है.जाँच रिपोर्ट गोल-माल होगी और इससे पीड़ितों को कोई न्याय नहीं मिलेगा और दोषियों को पूरी तरह से बचा लिया जायेगा….और वही हुआ.
कमलनाथ ने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के किसान पुत्र मुखिया ने इस गोलीकांड के बाद, शाही उपवास पर बैठकर पीड़ित किसानों के परिजनों से जो वादे किये थे , वो सब झूठे साबित हुए.शिवराज ने झूठे घड़ियाली आँसू बहाये थे , उसका सच सामने आ गया.
पिछले 1 वर्ष से पीड़ित किसानों के परिजन जो न्याय की उम्मीद लगाये बैठकर,आँसू बहा रहे थे म, उनके ज़ख़्मों को इस रिपोर्ट ने फिर हरा कर दिया.इस रिपोर्ट से एक बार फिर शिवराज का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है.शिवराज किसानों के हितैषी होने का दावा कर ,उनके लिये जितनी भी बातें करे , उन सब को इस रिपोर्ट ने आइना दिखा दिया है.
कमलनाथ ने इस रिपोर्ट की विभिन्न बिंदुओं पर सवाल खड़े करते हुए शिवराज से उनका जवाब माँगा है.
1. इस रिपोर्ट में आंदोलनकारी किसानों को किसान नहीं असामाजिक तत्व माना गया है.
क्या किसान पुत्र शिवराज इससे सहमत है ?
2. यदि वो किसान नहीं असामाजिक तत्व थे तो फिर मुआवज़ा राशि किसे दी गयी ,
किसान को या असामाजिक तत्व को ?
3. इस रिपोर्ट में पुलिस को पूरी तरह से क्लीनचिट देते हुए कहा गया है कि भीड़ को तितरबितर करने व आत्मरक्षा के लिये गोली चलाना न्यायसंगत व आवश्यक था.
क्या शिवराज जी इससे सहमत है ?
4. इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि असामाजिक तत्वों ने 7 जवानो को घेर लिया , उन पर पेट्रोल बम फेंके , मारपीट की.उसके बाद पुलिस ने गोली चलाई.जिसमें दो लोगों की मौत हुई.
अब जब रिपोर्ट में असामाजिक तत्वों के घेरने का उल्लेख है , तो गोली से किसान केसे मारे गये ?
5. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि असामाजिक तत्वों ने पीपलियामंडी थाने में घुसकर तोड़फोड़ की.
जिस पर पुलिस ने गोली चलायी , जिसमें 3 लोगों की मौत हुई.
ये किसान थे या असामाजिक तत्व ? शिवराज जवाब दे ?
6. इस गोलीकांड के बाद प्रारंभिक दृष्ट्या दोषी पाये गये तत्कालीन एसपी व कलेक्टर को इस रिपोर्ट में सीधे दोषी नहीं माना गया है ? पुलिस व सीआरपीएफ़ को क्लीन चिट दी गयी है तो आख़िर किसानो की मौत का दोषी कौन ?
7. किसान पुत्र शिवराज बताये कि हल चलाकर अपना जीवन यापन करने वाला निरिह किसान क्या पेट्रोल बम चलाना , तोड़फोड़ , मारपीट , लूटपाट जेसा कृत्य कर सकता है? वे इससे सहमत है ?
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