मुंबई.
कंपनियों की तिमाही परीक्षा शुरू हो गई है। कल से निफ्टी कंपनियों के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। उम्मीद यही है कि पहली तिमाही में कंपनियां अच्छे नंबरों से पास होंगी। एफएमसीजी, आईटी, मेटल, फार्मा अपना दम खम दिखाएंगी लेकिन कई सेक्टर फिसड्डी भी साबित होंगे। हम इस शो में इसी बात पर फोकस करेंगे कि नतीजों से पहले निवेशकों के पास किन सेक्टरों में मौके ढूंढने चाहिए और किन सेक्टर से दूर रहना चाहिए।
वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही के नतीजे बेहतर रह सकते हैं। औसत मुनाफा 10 फीसदी या उससे ज्यादा रह सकता है। कंपनियों को कम बेस का फायदा मिल सकता है। साथ ही कमोडिटी कंपनियों से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद है। एक्सपोर्ट और घरेलू खपत का मुनाफे पर असर दिखेगा। पहली तिमाही में निफ्टी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। माना जा रहा है कि पहली तिमाही के नतीजे 5 साल में सबसे बेहतर रह सकते हैं। पहली तिमाही में आय में 20 फीसदी, मुनाफे में 21 फीसदी और मार्जिन में 0.75-1 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है।
पहली तिमाही में आईटी, एफएमसीजी, रिटेल लोन देने वाले बैंक, ऑटो, मेटल, एनबीएफसी, फार्मा और खपत वाली कंपनियों से नतीजे अच्छे रह सकते हैं। हालांकि सरकारी बैंक, सीमेंट और टेलीकॉम कंपनियां निराश कर सकती हैं।
आईडीबीआई कैपिटल के सुदीप आनंद के मुताबिक पहली तिमाही में आईटी सेक्टर की डॉलय आय में ग्रोथ बेहतर रहेगी। ग्लोबल करंसी में उतार-चढ़ाव का नतीजों पर असर देखने को मिल सकता है। सैलरी और वीजा लागत बढ़ेंगे, लेकिन रुपये की गिरावट का फायदा मिलेगा। टीसीएस की डॉलर आय में ग्रोथ सबसे बेहतर रह सकती है। विप्रो और टेक महिंद्रा की आय में गिरावट होगी।
सुदीप आनंद का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर में कॉरपोरेट कर्ज की लागत बढ़ेगी। रिटेल बैंक और एनबीएफसी अच्छा करेंगे, लेकिन सरकारी बैंकों का प्रदर्शन बेहद खराब रहेगा। लोन ग्रोथ में बहुत उछाल की उम्मीद नहीं है और नेट इंटरेस्ट मार्जिन दबाव में रहेंगे। वहीं हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लोन ग्रोथ में सुधार दिख सकता है। पहली तिमाही में ऑयल एंड गैस सेक्टर से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। अंडर-रिकवरी का बोझ सरकार उठा सकती है।
ज्वाइंड्रे कैपिटल के अविनाश गोरक्षकर का कहना है कि एफएमसीजी कंपनियों से दमदार नतीजों की उम्मीद है। ग्रामीण इकोनॉमी में सुधार का फायदा मिलेगा और कम बेस का भी नतीजों पर अच्छा असर दिख सकता है। पहली तिमाही में फार्मा कंपनियों से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। घरेलू ग्रोथ में सुधार का फायदा मिलेगा। हालांकि सीमेंट कंपनियों से अच्छे नतीजों की उम्मीद नहीं है। सीमेंट की कीमतें नहीं बढ़ने का बुरा असर दिख सकता है। पिछले साल के मुकाबले लागत बढ़ी है। हालांकि वित्त वर्ष 2019 में सीमेंट की मांग बढ़ने की उम्मीद है। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलने और इंफ्रा सेक्टर में तेजी का फायदा मिलेगा। साभार सीएनबीसीआवाज
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