सीएमओ बदलने पर नपा अध्यक्ष सेना पटेल ने जताई नाराजगी



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आलीराजपुर.
नगर की जनता ने गत वर्ष नपा चुनाव में अध्यक्ष पद पर मुझे जिताकर नगर विकास की बागडोर सौंपी थी। लेकिन पिछले आठ माह से शासन और जिला प्रशासन के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण जनहित के बुनियादी काम सहित अन्य महत्वपूर्ण कामो को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सोची समझी साजिश के तहत प्रभावित किया जा रहा है। जिससे की नपा के अधिकांश काम ठप से हो गए और नगर की 30 हजार से अधिक जनता बेवजह परेशान हो रही है। इस संबंध में शीघ्र ही पीएमओ और सीएम को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा। यदि फिर भी शासन व प्रशासन ने मनमानी बंद कर स्वायत्त संस्था के कार्यो में हस्तक्षेप करना बंद नहीं किया तो न्यायालय की शरण में जाकर जनहित में याचिका लगाकर लड़ाई लडेंगे।
ये बात नपाध्यक्ष सेना पटेल, कांग्रेस पार्षदों, व नेताओं ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। नपाध्यक्ष पटेल ने कहा शासन प्रशासन की मनमानी के कारण कि पिछले आठ माह में छठवी बार नपा का सीएमओ बदल दिया गया। ऐसे में शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास के 290 हितग्राहियो को अंतिम किस्त जारी नहीं हो पा रही है। बैराज निर्माण के 50 लाख रूपए मिल चुके है लेकिन डीपीआर सहित अन्य तकीनीकी कार्य नहीं हो पा रहे है। 100 नवीन शौचालय निर्माण शेष है। उत्कृष्ट सडक के दुसरे चरण का काम लंबे समय से रूका हुआ है। 100 से अधिक प्रस्तावित निर्माण कार्यो की ऑनलाइन विज्ञप्ति जारी नहीं हो पा रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान भी प्रभावित हो रहा है। परिषद द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्य की ई टेंडरिंग नहीं हो पा रही है और न खुल रहे है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के काम प्रभावित हो रहे है। आगजनी की घटना रोकने के लिए एक और फायर बिग्रेड नहीं आ पा रहा है।

एक इंजीनियर के भरोसे कैसे हो काम
उन्होंने बताया कि नपा में सिर्फ एक उपयंत्री है। जबकि एक एई को भी पदस्थ किया जाना चाहिए। जबकि छोटी-छोटी नगर परिषद में दो दो इंजीनियर कार्य कर रहे है। ऐसे में निर्माण, मरम्मत, नामांतरण, पेयजल सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे है। स्थाई सीएमओ नहीं होने से महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पा रहे है और कर्मचारी काम ही नहीं करना चाहते है।

 

3 करोड के सडक निर्माण काय नहीं हो पा रहे शुरू
इस संबंध में नपाध्यक्ष पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कलेक्टर व जिला प्रशासन द्वारा सत्ता पक्ष के इशारे पर जानबूझकर नपा के कार्यो में हस्तक्षेप किया जा रहा है। बार-बार सीएमओ का प्रभार बदलने से कोई भी अधिकारी नपा के प्रशासनिक कार्य में रूचि नहीं रखता है। ऐसे अधिकारी अपने मूल पद व विभाग के काम में ही लगे रहते है और नपा के कार्यो पर ध्यान ही नहीं देते है। उन्होने बताया कि अेसे में नपा के विकास कार्य हो ही नहीं हो पा रहे है और निर्माण सेक्शन लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है। शहर में 3 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली सड़को की स्वीकृति व टेंडर और भूमिपूजन हो चुके है लेकिन प्रशासनिक लापरवाही से काम चालू ही नहीं हो पा रहे है। यदि एक स्वतंत्र संस्था के चुने हुए प्रतिनिधियों को नगर विकास के काम करने से रोकते हुए कलेक्टर, जिला शहरी विकास अभिकरण अधिकारी और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से नगरपालिका को चलाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि अेसा ही चलता रहा तो इसके खिलाफ हम जनता को साथ लेकर आवाज उठाएंगे और नगर के जनहित के काम को तय समय पर पूरा करेंगे।

भूखंड के हितग्राही भी खा रहे दर-दर की ठोकरे
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के तहत 293 हितग्राहियों को प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज तक भूखंड आवंटित नहीं हो पाए। सीएमओ की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से प्रकिया में रूकावट हो रही है हितग्राही दर-दर की ठोकरे खा रहे है। उन्होने बताया कि कलेक्टर मीडिया को बुलाकर एक स्वायत्त संस्था पर दोषारोपण कर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे है। यदि उन्हे हकीकत में नगर विकास और व्यवस्था सुधारने में रूचि है तो बार-बार सीएमओ नहीं बदले और चुने हुए प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन देकर नगर के सर्वांगीण विकास में अहम योगदान दे सकते है। लेकिन वे सत्ता पक्ष की कठपुतली की तरह काम कर रहे है। नपाध्यक्ष ने मांग की है कि नपा में स्थाई सीएमओ और एई को पदस्थ किया जाए। जिससे की नगरपालिका द्वारा नगरहित में विकास के कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा सके।

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