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-प्रभात झा, मोघे और विक्रम वर्मा को महत्व
भोपाल.
राकेश सिंह के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के पहले तक मध्यप्रदेश में ऐसा माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने नेताओं की पूछ परख कम कर रही है। सिंह ने कमान संभालने के बाद पूरे प्रदेश में पुराने नेताओं से न केवल मेल मुलाकात की बल्कि चुनाव नजदीक आते ही अब उनकी पूछ परख भी अचानक बढ़ गई है। दो दिन पहले चुनाव के लिए कमर कसती भाजपा ने जो समितियां गठित की। उसमें नए चेहरों के साथ ही पुराने और तपे तपाए संगठन निष्ठ नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इनमें मध्यप्रदेश में भाजपा की कमान संभाल चुके और फिलहाल राष्ट्र्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा और अखंड मध्यप्रदेश के संगठन महामंत्री रहे पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे शामिल हैं। इन तीनों नेताओं की भाजपा संगठन में खासी पकड़ मानी जाती है। खासकर झा और मोघे तो ऐसे नेता है, जो शहर में वार्ड-वार्ड और तहसील में गांव-गांव तक कार्यकर्ताओं को उनके नाम और काम सहित जानते है।
राकेश सिंह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बन गए है पर उनका उनका पहचान और प्रभाव क्षेत्र कभी भी पूरे मध्यप्रदेश में नहीं रहा। ऐसा माना जा रहा है, इसलिए उन नेताओं को तवज्जों दी जा रही है, जिन्होंने पहले संगठन की कमान को बखूबी संभाला है और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को काम पर लगाने और उन्हें उत्साह का संचार करने की क्षमता रखते है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले भी जब सीएम शिवराज सिंह चौहान महाकाल की नगरी उज्जैन से जनता का आशीर्वाद मांगने पूरे प्रदेश के लिए निकले थे तो भी झा को इस यात्रा की कमान सौंपी गई थी। झा ने शिवराज से पहले पूरे प्रदेश में दौरे कर कार्यकर्ताओं के बीच यात्रा को लेकर माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। आज भाजपा को 2018 में फिर उन्हीं प्रभात झा की याद आई है और जन आशीर्वाद यात्रा समिति का उन्हें संयोजक बनाया गया है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ प्रभात झा
ऐसे ही विक्रम वर्मा को विजन डॉक्यूमेंट्री कमेटी और मोघे को धन संग्रह के संयोजक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इन तीनों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक अरविंद सिंह भदौरिया को भी उनकी संगठनात्मक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के दौरे संबंधी समिति का संयोजक बनाया गया है। सब जानते है कि विद्यार्थी परिषद और संघ के रास्ते भाजपा में आए और भाजयुमो के पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री भदौरिया भी भी पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जानते और पहचानते है। पहले भी कई चुनाव में उन्हें संगठन की ओर से महत्वपूर्व जिम्मेदारी दी जा चुकी है। वो प्रो.कप्तानसिंह सोलंकी के संगठन महामंत्री रहते मध्यप्रदेश में संगठन का बड़ा चेहरा हुआ करते थे।
कृष्णमुरारी मोघे
अब शहर और गांव तक
ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश स्तर पर पूरानों की पूछ परख का जो सिलसिला शुरू हुआ है उसे शहर और गांव तक ले जाने की तैयारी है। जल्द ही कुछ पुराने चेहरों को विभिन्न शहर और ग्रामीण इकाईयों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
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