राहुल ने जो कहा वैसा कर पाएंगे कांग्रेसी



-कांग्रेस अध्यक्ष बोल कर गए सड़क पर उतरो, जमीन से जुड़ों
भोपाल. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को मंदसौर के पिपलियामंडी में ये सीख देकर गए है, क्या वो इस पर अमल कर पाएंगे। ये सवाल राजनीतिक हलकों में कल से ही गूंज रहा है, अगर वाकई कांग्रेसियों ने राहुल की सीख को समझ कर इसे जमीन तक उतार दिया तो नवंबर 2018 में कांग्रेस का मध्यप्रदेश से 15 साल का सत्ता का वनवास खत्म भी हो सकता है। लेकिन राहुल ने जो ये सीख दी है उस पर अमल करना आज की मध्यप्रदेश की कांग्रेस के लिए बहुत कठिन लगता है। राहुल ने नेता और कार्यकर्ताओं से कहा था कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ वो घर-घर जाए, सड़क पर उतरे और जमीन से जुड़कर कार्य करें। उनकी इस सीख पर सभा स्थल पर तो कांग्रेसियों ने खूब ताली पीटी और हुंकार भी भरी पर मंच पर बैठे कांग्रेस के बड़े नेता मन ही मन शायद खुद ही समझ रहे थे कि ऐसा करना कोई आसान काम नहीं है। कांग्रेस और भाजपा की काम करने की संगठनात्मक क्षमता और शैली में जमीन आसमान का अंतर है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह या पीएम नरेंद्र मोदी ऐसा आह्वान करते तो समझा जा सकता था कि भाजपा सौ प्रतिशत तो नहीं पर 60-70 प्रतिशत इस पर जरूर अमल करके दिखाएगी। कांग्रेस के साथ बड़ी दिक्कतें है। उसके पास भाजपा जैसा जमीनी नेटवर्क ना के बराबर दिखता है। 15 साल सत्ता से बाहर रहने के बाद तो उसका नेटवर्क और कमजोर हुआ है। भाजपा की तुलना में उसके पास संसाधनों की कमी भी दिखाई पड़ती है।
हालांकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की इन बातों से फुल चार्ज नजर आ रहे है और दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश से शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बहुत जल्दी ही कांग्रेसजन सड़क पर उतरेंगे और घर-घर पहुंचेंगे। भीड़ के हिसाब से राहुल की सभा को कांग्रेस अच्छा मान रही है और कुछ नेता तो एक लाख लोग जुटने का दावा भी कर रहे है। भाजपा सभा को फ्लॉप बताने में जुटी है और राहुल गांधी के भाषण के हिस्सों को गप, सपना और मजाक बताते हुए बयान जारी किए जा रहे है।
हकीकत ये है कि कांग्रेस ने जैसी उम्मीद की थी उसके अनुरूप ही सभा में भीड़ जुटी और सभा हो गई, अब ये तो समय ही बताएगा की राहुल गांधी ने किसानों का कर्ज दस दिन में माफ करने का जो चुनावी वादा किया है, उसका कितना असर मध्यप्रदेश के अन्नदाता पर होता है और वो वोट के रूप में बदलकर ईवीएम में बंद होता है।
समस्या ये है…
राहुल गांधी, कमलनाथ और ज्योतिराधित्य सिंधिया ने अपने भाषण में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को खूब आड़े हाथ लिया। तीनों ने यही कहा कि मध्यप्रदेश में आम लोग खासकर युवा और किसान बहुत परेशान है। पंद्रह साल में मध्यप्रदेश को भाजपा ने बर्बाद कर दिया है। कांग्रेस नेताओं के इस आक्रमण पर भाजपा के साथ ही आम लोगों में भी ये चर्चा है कि मध्यप्रदेश में हालात पिछले पंद्रह सालों में बेहतर ही हुए है और इतने खराब तो कतई नहीं। जितनी कांग्रेस बताने की कोशिश कर रही है। लोग ये भी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे है कि दस साल के कांग्रेस शासन की तुलना में आज मध्यप्रदेश सड़क, बिजली, पानी के मामले में बहुत बेहतर स्थिति में खड़ा है। किसानों को भी उनकी फसल का उचित और अच्छा दाम दिया जा रहा है।

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