खबर अच्छी लगे तो कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।
ग्वालियर.
प्राचीन राजधानी का यह शहर, महान राजवंशों का उद्गम स्थल और वीरता की विरासत रहा है। इस शहर के नाम की कहानी 8 वीं सदी से है, जिसके अनुसार प्राचीन काल में सूरज सेन नामक मुखिया ने इस शहर की स्थापना की और एक घातक रोग से उसे ठीक करने वाले एक महान संत ग्वालिपा के नाम से इस शहर का नामकरण किया। महलों, मंदिरों और स्मारकों के शहर ग्वालियर पर प्रतिहार, कच्छवाह और तोमर जैसे महान राजपूत वंशों के शासकों ने शासन किया। स्वतंत्र भारत के गठन तक यहां सिंधियां वंश की शाही राजधानी की परंपरा जारी रही। यह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक तानसेन की भी भूमि रही है। ग्वालियर को अद्वितीय और कालातीत बनानेवाले गौरवशाली अतीत के भव्य स्मृति चिन्हों को पूरी देखभाल के साथ संरक्षित किया गया है।
ग्वालियर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में निम्नलिखित स्थान शामिल है।
• किला
• मन मंदिर पैलेस
• तेली का मंदिर
• गुजरी महल संग्रहालय
• तानसेन का मकबरा
• गौस मोहम्मद का मकबरा
• जय विलास पैलेस
• जय विलास संग्रहालय
• स्मारक, यह शहर तात्या टोपे, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और कुछ सिंधिया राजकुमारों जैसे कई स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारकों से भरा है। ये सभी एक गौरवपूर्ण अतीत की याद दिलाते हंं और साथ ही देश के सम्मान को बनाए रखने में ग्वालियर के स्थान को दर्शाते है।
• कला विथिका और नगर संग्रहालय
• सूर्य मंदिर
कैसे पहुंचे
ग्वालियर नियमित विमान सेवा से दिल्ली, भोपाल, इंदौर तथा मुंबई के साथ जुड़ा हुआ है और यह रेल मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
खबर अच्छी लगे तो कमेंट करें/ दोस्तों के साथ शेयर करें।