राजेश जैन
जोबट.
जहां एक ओर प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक भ्रष्टाचार उन्मूलन करने में लगे हुए हैं कार्य में पारदर्शी लाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है ताकि होने वाले भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी को रोका जा सके वहीं इस क्षेत्र के अधिकारि की कमीशनखोरी तथा उदासीनता है जिसके कारण सरपंच, मजदूर, व्यापारी आदि को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कार्य के भुगतान में अधिकारी अपनी कमीशनखोरी के चक्कर में वर्षों लगा देते है, ऐसा ही मामला जोबट जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम जाली में सामने आया है। यहां वर्ष 2012-2013 में पदस्थ सरपंच रतन सिंग अजनार ने आई डीटीडीपी योजना के अंतर्गत पंचायत ने 4 लाख 95 हजार कि लागत का स्टॉप डेम का निर्माण कार्य किया था, जिसका भुगतान 2 लाख 78 हज़ार कार्य के आधार पर कर दिया गया, उसके बात एक वर्ष से कार्य पूर्ण होने के बात संबंधित विभाग द्वारा भुगतान लंबित है। भुगतान के लिए सरपंच व सचिव जनपद में उपयंत्री रमेश अजनार व आईटीडीपी बाबू के यहां चक्कर लगाते लागाते धक गए लेकिन कमीशनखोरी के चक्कर में एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेज दिया जाता है।
आईटीडीपी के बाबू द्वारा कार्य पूर्ण होने पर भी भुगतान में विलंब किया गया। मेरे द्वारा मूल्यांकन पूर्व में ही किया जा चुका था, उन्हें मूल्यांकन के आधार पर भुगतान कर देना चाहिए था।
-रमेश अजनार, उपयंत्री जाली पंचायत
मेरे सामने आज ही फाइल आई है, मैं तुरंत कार्रवाई करवाती हूं।
–दीपा कोटस्थाने, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जोबट
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